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IND VS WI: सूर्यकुमार यादव ने पारी को बताया खास और भारतीय कप्तान के लिए बड़ी बात बोली

IND VS WI: मंगलवार को गुयाना में भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीसरे टी-20 मैच का आयोजन हुआ। वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 159 रन का स्कोर बनाया। भारत ने करो या मरो के मुकाबले, 17.5 ओवर में 164 रन के स्कोर पर तीन विकेट खोकर मैच जीत लिया। लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, सूर्यकुमार यादव और तिलक वर्मा ने भारत की ओर से शानदार पारी खेली।

सूर्यकुमार यादव ने पारी को बताया खास और भारतीय कप्तान के लिए बड़ी बात बोली
सूर्यकुमार यादव ने पारी को बताया खास और भारतीय कप्तान के लिए बड़ी बात बोली

मंगलवार को गुयाना में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ‘सूर्या’ ने अपनी चमक बिखेरी। तीसरे टी-20 मैच में सूर्यकुमार यादव (सुर्यकुमार यादव) ने विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी की और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की खूब पिटाई की। मैच जीतने के बाद सूर्या ने अपनी तूफानी पारी की प्रशंसा की। साथ ही, कप्तान हार्दिक पांड्या (हार्दिक पांड्या) और तिलक वर्मा (तिलक वर्मा) के लिए भी बड़ी बातें कही।

भारत और वेस्टइंडीज (IND vs WI) के बीच गुयाना में खेले गए तीसरे टी-20 मैच में, वेस्टइंडीज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट के नुकसान पर 159 रन बनाए। भारत ने करो या मरो की मानसिकता के साथ, 17.5 ओवर में 164 रन बनाकर मैच जीत लिया। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम के द्वारा सूर्यकुमार यादव (83) और तिलक वर्मा (49*) ने दमदार पारी खेली।

कप्तान ने कहा था कि कोई अपना हाथ ऊपर करे

सूर्य कुमार से पूछा गया दो मैचों के बारे में कि दो मैच हारने के बाद तीसरा मैच भी हारने का ख्याल था| यह बाते मैच के प्रजेंटेशन के दौरान पूछी गई| इस पर सूर्यकुमार यादव ने कहा, “मेरे दिमाग में विचार था कि भारत ने कभी भी लगातार तीन टी20 मैच नहीं हारे हैं, लेकिन उसी समय हमने टीम मीटिंग में बात की, हमारे कप्तान ने हमें आगे आकर जिम्मेदारी लेनी होगी। मुझे आनंद है कि मैंने इसे पूरा करने में सफलता प्राप्त की।

क्रिकेट खेल में भी यह महत्वपूर्ण है कि एक टीम के सभी खिलाड़ी साथीजनों के साथ सहयोग और जिम्मेदारी निभाएं। कप्तान की आवश्यकता इस मामूल सिद्धांत को साबित करती है कि उन्हें अपने खिलाड़ियों को प्रेरित करने और उन्हें संघर्षों से निकलने के लिए नेतृत्व की आवश्यकता होती है।

सूर्यकुमार यादव की कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी भी स्थिति में सकारात्मक मानसिकता रखने और अवसरों को चुनौतियों में बदलने का महत्व होता है। खुद को प्रेरित करने की कला सिर्फ खेल ही नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। यह घटना हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी हालात विपरीत भी हो सकते हैं, लेकिन सहसंघटित और सकारात्मक प्रतिक्रिया से हम सफलता की ओर बढ़ सकते हैं।

इस प्रकार, सूर्यकुमार यादव की इस घटना से हमें टीम साथीजनों के साथ मिलकर कठिनाइयों का सामना करने की महत्वपूर्णता, सकारात्मक मानसिकता की महत्वपूर्णता, और संघर्षों को मुकाबला करने की प्रेरणा मिलती है।

तिलक की पार्टनरशिप की पारी का आत्मविश्वास

तिलक वर्मा के साथ की गई पार्टनरशिप के संदर्भ में, सूर्यकुमार ने कहा, “हमने लंबे समय तक एक-दूसरे के साथ खेला है। हम एक-दूसरे को गहराई से समझते हैं। तिलक की पारी ने मेरे आत्मविश्वास को मजबूती दिलाई। इस मैच के अंत में, तिलक ने एक शानदार पारी खेली, जिसने उसके लिए बेहतरीन रही।” सूर्यकुमार ने 44 गेंदों पर 83 रन की पारी खेली। वहीं, तिलक वर्मा ने 37 गेंदों पर बिना आउट 49 रन बनाए।

तिलक वर्मा और सूर्यकुमार की इस पार्टनरशिप ने खेली गई पारी के माध्यम से उनके बीच सहयोग और समझबूझ की मिसाल प्रस्तुत की। इसके साथ ही, यह पारी दिखाती है कि एक सफल टीम में हमारे खिलाड़ियों के बीच गहरा संवाद कितना महत्वपूर्ण होता है।

सूर्यकुमार ने अपनी पारी में 83 रन बनाकर अपनी क्षमताओं की प्रदर्शन किया। उनका खुदरा खेलने का तरीका और अच्छे पारी का खेलने का जूनून देखकर सभी को प्रेरित किया।

वहीं, तिलक वर्मा ने अपने 49 रनों की पारी में जितना महत्वपूर्ण संघटनात्मक खेल दिखाया, उतना ही उनका मेधावी खेल भी दिलों पर छा गया। वे दिखा रहे हैं कि उन्हें खेल में न केवल रन बनाने की क्षमता है, बल्कि वे खुद को एक स्थायी और महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में साबित कर सकते हैं।

इस पारी ने न केवल क्रिकेट की खेल को दर्शाया, बल्कि यह भी दिखाया कि आदिकल से आधुनिक क्रिकेट तक, खिलाड़ियों के संघर्ष और संघटना से ही मनचाहे उत्तराधिकारीता तक का सफर कैसे तय किया जा सकता है।

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