Why Janmashtami is celebrated
हैप्पी जन्माष्टमी 2023: भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है।
Importance Of Janmashtami In Hindi
जन्माष्टमी, जिसे कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्रीकृष्ण जयंती और श्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन, भगवान कृष्ण के जन्म का आवागमन मनाया जाता है और भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार हिंदू परंपरा और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है और पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है।

Lord Krishna: Eighth Incarnation Of Lord Vishnu-Why Janmashtami is celebrated
Why Janmashtami is celebrated
कृष्ण जन्माष्टमी के इस खास मौके पर, हम भगवान कृष्ण के महत्वपूर्ण अवतार के बारे में जानते हैं। भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु के आठवां अवतार माना जाता है। विष्णु भगवान के अवतार के रूप में कृष्ण का जन्म हुआ था, और उन्होंने मानव रूप में धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर आवागमन किया। इसलिए वे एक प्रिय और प्रेरणास्पद भगवान हैं, और उनकी पूजा और स्मरण भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
Birth Of Krishna
भगवान कृष्ण का जन्म एक रात को हुआ था, और यह घटना हिंदू महाकाव्यों में कई रूपों में वर्णित की गई है। वे मथुरा में रानी देवकी और राजा वासुदेव के घर जन्मे थे। उनके जन्म से पहले, उनके चाचा कंस ने एक भविष्यवाणी सुनी थी कि उनका आठवां पुत्र उनकी मृत्यु का कारण बनेगा। इस भविष्यवाणी के डर से कंस ने देवकी और वासुदेव को कारागार में बंद कर दिया और उनके हर बच्चे को मार डाला।
Krishna’s Childhood
भगवान कृष्ण को कंस के हमले से बचाया गया था, और वे वृन्दावन में अपने दोस्तों यशोदा और नंद की देखभाल में बड़े हुए। उन्हें बाल लीलाएं करने का बहुत शौक था और वे मिश्चित घास के बने माखन को छुपकर खाते थे।
Janmashtami Celebration
Why Janmashtami is celebrated
जन्माष्टमी का उत्सव भक्तों के बीच बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। लोग घरों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं और भगवान कृष्ण की मूर्तियों को नए कपड़े और आभूषणों से सजाते हैं।
Janmashtami Rituals And Celebrations-Why Janmashtami is celebrated
जन्माष्टमी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं, पारंपरिक कपड़े पहनते हैं, स्नान करते हैं और भगवान कृष्ण की मूर्तियों को नए कपड़े और आभूषणों से सजाते हैं, और अपने परिवार की भलाई के लिए आशीर्वाद मांगते हैं। लोग अपने घरों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं और अनुष्ठानिक व्रत भी रखते हैं।

इस दिन, भगवान कृष्ण की नृत्य-लीला और कथाएं भी सुनाई जाती हैं, जिसमें उनके बचपन के खिलवाड़ और चरित्र की चर्चा होती है।
Janmashtami Night
जन्माष्टमी की रात को भक्तों के बीच विशेष कीर्तन और भगवान कृष्ण के नाम का जाप होता है। मंदिरों में, उत्सव भोर से पहले शुरू होता है और पूरे दिन आधी रात तक चलता है, वह समय जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।
दही हांडी का भी आयोजन किया जाता है जहां लोग एक मानव पिरामिड बनाते हैं और मक्खन और दही से भरे मिट्टी के बर्तन को तोड़ते हैं और ऊंचाई पर लटकाते हैं।
इस जन्माष्टमी, हम सभी को भगवान कृष्ण के जीवन और महत्व को समझकर उनके आदर्शों का पालन करने का अवसर मिलता है। यह त्योहार हमारे जीवन में खुशियों और समृद्धि की ओर एक कदम और निकट करता है।
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